Wednesday, August 10, 2016

मुहब्बत

"काश ये दुनिया, तेरी आँखों सी होती,
हर तरफ फिर, मुहब्बत ही मुहब्बत होती...

तेरी आँखों में पढ़ी है, मुहब्बत की बातें,
साथ गुजारे दिन, साथ बिताईं रातें,
काश! वो दिन, वो रातें तेरी निगाहों मे होती,
हर तरफ फिर, मुहब्बत ही मुहब्बत होती...

वो पल, वो लम्हा, जरा ठहर तो जाता,
थोड़ा ही सही, दिल को सुकून तो आता,
काश! उस सुकून में, तेरी चाहत की बारिश होती,
हर तरफ फिर, मुहब्बत ही मुहब्बत होती...

तेरी आँखों में, हम अपना अक्श देख पाते,
और इन आंखों में, मीठा सा ख्वाब सजाते,
उन ख्वाबों में ही, मेरी सारी दुनिया होती,
हर तरफ फिर, मुहब्बत ही मुहब्बत होती...
                     -अलका श्रीवास्तव

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